गलेथा ग्राम पंचायत जो क्वारी नदी के किनारे पर बसा हुआ है
ग्राम पंचायत जोरा तहसील में एक बड़ी पंचायत है l ग्राम पंचायत की आबादी लगभग 15000 के करीब है गांव के रहवासी अपनी आजीविका चलाने के लिए कृषि पर आधारित हैl वैसे देखा जाए तो जीवन में कुछ करने के लिए कुछ खोना पड़ता है ऐसा गांव के कुछ नौजवानोंंंंं ने करके दिखा दिया हैl
गलेथा गांव में देखा जाए तो हर घर में एक या दो से अधिक नौजवान देश की रक्षा करने के लिए आर्मी में भर्ती होकर देश की आन बान शान को बनाए रखने के लिए खून पसीना वह आया है l देश की आन बान शान के लिए आज अमर शहीद कुबेर सिंह सिकरवार अपनी जान देकर अमर शहीद हो गए l
अमर शहीद तिरंगा की शान को बनाए रखने के लिए अपनी व अपने परिवार की चिंता न करते हुए देश के लिए मर मिटे इसी जुनून को गांव के नौजवानों ने भी मर मिटने का जज्बा लिया
गांव के लोगों का कहना हैl कि हमें गर्व है कि हमारे गांव के नौजवान हर सर्विस में जाकर गांव का नाम रोशन कर रहे हैं देखा जाए तो ग्राम पंचायत में आर्मी में कैप्टन से लेकर लेफ्टिनेंट , एसआई रेंजर , एस डी ओ, टी आई, प्रोफेसर, इंजीनियर , शिक्षक , व अन्य नौकरियों में सेवा देकर अपना अपने परिवार का लालन पालन करते हुए वह देश की सेवा कर रहे हैं l
गांव के रहने वाले राजू सिंह सिकरवार जो आर्मी में सूबेदार के पद पर पदस्थ है उनके पुत्र अभय सिंह सिकरवार सीडीएस कमांडेंट डिफेंस सर्विसेज की परीक्षा उत्तीर्ण कर एक बड़ी सफलता हासिल की है l अभय की प्राथमिक शिक्षा विक्टर स्कूल ईसीएस , माध्यमिक शिक्षा सेंट मैरी व 11 और 12th वन खंडेश्वर धनसुला से प्राप्त की l बीसीए देहरादून के उत्तरांचल यूनिवर्सिटी से प्राप्त कर सीडीएस की परीक्षा प्राप्त कर एक बड़ी सफलता हासिल कर गांव का नाम रोशन किया है l
इससे पूर्व में भी गांव के रहने वाले अखिलेश सिकरवार के पुत्र चिराग ने एनडीए की परीक्षा पास कर आर्मी अफसर बनकर गांव का नाम रोशन किया l
अखिलेश हाल ही में गुजरात में निवास करते हैं चिराग की शिक्षा दीक्षा गुजरात में ही हुई है चिराग के पिता एक डाइवर का काम करते हैं उनका कहना है कि खून पसीना कर आर्मी अफसर बनाया है l बेटे को प्रेरणा दी कि मुझे कुछ भी करना पड़े लेकिन आप अफसर बनकर दिखाओ आज बेटे चिराग ने मेरा सपना पूरा किया है l
आज चिराग पंजाब बॉर्डर पर रहकर तैनात होकर देश की रक्षा में सदा तैयार है चिराग को तीन भाषाओं का ज्ञान है हिंदी ,गुजराती , इंग्लिश, इन तीनों भाषाओं में उसने सफलता प्राप्त की हैl
चिराग अपने पिता के अकेला ही पुत्र है और एक बहन है इसी को देखते हुए l
ग्राम बैदपुरा के रहने वाले राजेश जो इंजीनियर है उनका बेटा भी एनडीए की परीक्षा पास कर ले पैंट से भर्ती हुआ था जिसका नाम विक्रम सिंह सिकरवार है l
नौजवानों ने गांव का नाम रोशन करके एक बहुत बड़ी सफलता और एक संदेश दिया है कि नौजवान अपनी लगन और मेहनत करके सफलता हासिल कर सकता है लेकिन लक्ष्य एक हो तो सफलता कदम चूमेगी l . प्रधान संपादक.... राजवीर सिकरवार भारतीय मानवाधिकार निगरानी पत्रिका
